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न्यूज़ बुलेटिन: प्राइवेट स्कूलों की जनता से लूट घसोट जारी, सरकार और जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी

न्यूज़ बुलेटिन:
प्राइवेट स्कूलों की जनता से लूट घसोट जारी, सरकार और जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी
दिनांक: 13अप्रैल
आधिकारिक रिपोर्ट के मुताबिक, प्राइवेट स्कूलों द्वारा छात्रों और उनके अभिभावकों से अनुचित फीस और और अनावश्यक शुल्कों की मांग की जा रही है। इसके परिणामस्वरूप, गरीबों की जेबे ढीली हो रही है और उन्हें अच्छी शिक्षा तक पहुंचने में समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश के बावजूद, पुराने और अनावश्यक कानूनों के समाप्ति और नए शिक्षा पद्धतियों के अनुसार काम किया जा रहा है, लेकिन प्राइवेट स्कूल माफिया अब भी बिना किसी खतरे के अपने द्वारा निर्धारित फीस और अनावश्यक शुल्कों पर कब्जा जमा रहा है।
भारत में सीबीएसई, सीआईएससी और Nios जैसे केंद्रीय बोर्डों के अलावा 33 राज्य स्तरीय बोर्ड हैं, जो अपने-अपने कोर्स और पैटर्न को अपनाते हैं, जिससे प्राइवेट स्कूलों को फायदा हो रहा है। यह आम अभिभावकों के लिए एक चिंता का विषय है क्योंकि इससे वे अच्छी शिक्षा तक पहुंचने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं।
निष्पक्ष और समर्थ शिक्षा प्रणाली को लागू करने के लिए सरकार को तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि छात्रों को समान शिक्षा का अधिकार हो सके और उन्हें अनावश्यक शुल्कों और फीस वृद्धि के खिलाफ सुरक्षा प्राप्त हो सके।

स्वामी विवेकानंद ने कहा था, "शिक्षा का उद्देश्य है मनुष्य के पूर्ण विकास की धारणा कराना"। इसलिए, हमें समान शिक्षा प्रणाली की प्रोत्साहना करना चाहिए ताकि हमारे देश के नवजवानों को संपूर्ण विकास का मार्ग दिखाई जा सके।

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